केनया: स्थानीय संरक्षण अभियान के ज़रिये, कुरुवितु कोरल की पुनर्बहाली

केनया: स्थानीय संरक्षण अभियान के ज़रिये, कुरुवितु कोरल की पुनर्बहाली

केनया: स्थानीय संरक्षण अभियान के ज़रिये, कुरुवितु कोरल की पुनर्बहाली
केनया के एक छोटे, शान्त गाँव में, एक सफल समुद्री प्रवाल संरक्षण परियोजना के ज़रिये, मछली पकड़ने के उद्योग को एक नया उद्देश्य मिला है, जो हिन्द महासागर के पश्चिमी हिस्से के समुद्री संरक्षित क्षेत्रों में अपनी तरह की पहली,अनूठी पहल है.

केनया का कुरुवितु तट शान्त व सौम्य है. जगमगाते रेत के समुद्र तट, इस साफ़ नीले पानी का सौन्दर्य पूर्ण करते हैं, और हवा में, रेत व समुद्री नमक की जानी-पहचानी गन्ध व्याप्त है.

एक दशक पहले, ग्रामीणों ने मछलियों की घटती मात्रा को देखते हुए, समान विचारधारा वाले भागीदारों की मदद से, एक संरक्षण क्षेत्र स्थापित करने की ज़िम्मेदारी ख़ुद उठाने का फ़ैसला किया. 

समुद्री संरक्षणवादी और प्रवाल परियोजना कार्यक्रम के प्रमुख, डिक्सन गेरेज़ा बताते हैं कि प्रदूषण, समुद्र का सबसे बड़ा दुश्मन है. वे कहते हैं, "लोग ग़ैर-ज़िम्मेदार होते जा रहे हैं. महासागर एक उपयोगी संसाधन है, लेकिन मनुष्य उसमें कचरा फैला रहा है. समुद्र को बचाने के लिये, कचरे का सही ढंग से निपटान करना बेहद महत्वपूर्ण है."

UN/ Thelma Mwadzaya
केनया की किलिफ़ी काउण्टी में एक शान्त समुद्र तट.

पहली स्थानीय प्रवाल संरक्षण परियोजना

समुदाय ने महसूस किया कि इससे पहले कि समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र नुक़सान से उबरने लायक भी न रहे, एक्वैरियम व्यापार द्वारा अत्यधिक मछली पकड़ने, जलवायु परिवर्तन और मछली व मूंगा संग्रह की अनियंत्रित समस्या से निपटना होगा.

2005 में, क्षेत्र के निवासियों ने 30-हैक्टेयर समुद्री संरक्षित क्षेत्र (Marine Protected Area) को अलग करने का अभूतपूर्व क़दम उठाया. यह केनया में पहला मूंगा-आधारित स्थानीय रूप से प्रबन्धित समुद्री क्षेत्र (Locally Managed Marine Area) था. बारह साल बाद, इस क्षेत्र में उल्लेखनीय बदलाव देखने को मिला.

कटाना हिंजानो, Oceans Alive Organization में संरक्षणवादी हैं, जहाँ वह सीमेण्ट और रेत का उपयोग करके, वैकल्पिक प्रवाल ब्लॉक और नर्सरी बनाने में मदद करते हैं.

कटाना हिंजानो समुद्र और मानव जीवन के बीच के सम्बन्ध को दोहराते हुए कहते हैं: "समुद्र उन लोगों के लिये मूल्यवान है जो इसके पास रहते हैं. मछुआरे और मछली व्यवसाय के मालिक, समुद्री संसाधनों पर भरोसा करते हैं. हम सभी को यह सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभानी है कि हम समुद्र से लाभ उठाएँ और आने वाली पीढ़ियों के लिये इन्हें बरक़रार रखने में मदद करें."

स्थानीय रूप से प्रबन्धित समुद्री क्षेत्र के भीतर मछली पकड़ने के प्रतिबन्ध के बाद, मछलियों की संख्या, आकार और विविधता में बढ़ोत्तरी हुई है. यह क्षेत्र प्रजनन स्थल बन गया है, जिससे क्षेत्र के बाहर मछलियों की संख्या में वृद्धि हुई. इसका दूसरा असर यह भी हुआ कि अब मछुआरों के हाथ अधिक मछलियाँ लग रहीं हैं. साथ ही, जैव विविधता में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है, जिससे कुरुवितु पर्यावरण-पर्यटन के लिये गन्तव्य स्थान बन गया है, व गाइड, नाव कप्तानों और रेंजरों के लिये रोज़गार पैदा हो रहे हैं.

पर्यावरणविद् और मानद केनया वाइल्डलाइफ सर्विस गाइड, गुडलक एमबागा कहते हैं, "समुद्र मेरे लिये मूल्यवान है क्योंकि यह जीवन है. समुद्र भोजन प्रदान करता है, अर्थव्यवस्था में योगदान देता है, व आय एवं मनोरंजन का स्रोत है. हम सभी को यह सीखने की ज़रूरत है कि समुद्र का संरक्षण कैसे किया जाए क्योंकि हम अभी तक इसकी पूरी क्षमता का उपयोग नहीं कर पाए हैं."

केनया की किलिफ़ी काउण्टी में, मूंगा बहाली के लिये, धातु के ढाँचे पर प्लास्टिक की जाली का इस्तेमाल किया जाता है.
UN/Thelma Mwadzaya
केनया की किलिफ़ी काउण्टी में, मूंगा बहाली के लिये, धातु के ढाँचे पर प्लास्टिक की जाली का इस्तेमाल किया जाता है.

धातु का ढाँचा और प्लास्टिक की जाली

कोरल को पुनर्जीवित करने में मदद करने के लिये, Oceans Alive और कुरुवितु कन्जर्वेशन एण्ड वेलफेयर एसोसिएशन के विशेषज्ञ साथ मिलकर काम करते हैं. काम शुरु होता है - धातु से बने ढाँचे से, जिसपर प्लास्टिक की जाली लगी होती है. फिर सीमेण्ट और रेत से बने प्लगों को सुखाकर, एक प्रकार की नर्सरी बनाने के लिये इस ढाँचे पर बांधा जाता है. हफ़्तों तक उन्हें समुद्र में रखने के बाद, यह बेड दूसरी जगह लगाने के लिये तैयार हो जाता है और इसे समुद्र तल में डाल दिया जाता है. इस तरह समुद्री जीवन को इस संरचना से जोड़ा जाता है.

समुद्री संसाधनों का सह-प्रबन्धन, क्षेत्र में समुद्री परिदृश्यों के पारिस्थितिकी तंत्र-आधारित प्रबन्धन में आगे बढ़ने का उचित रास्ता है. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम, UNEP ने UN Habitat के साथ मिलकर महासागरों के पास स्थित शहरों और क़स्बों की समृद्धि में मदद करने के लिये Go Blue प्रोजेक्ट शुरू किया.

Go Blue प्रोजेक्ट की फ्लोरियन लक्स बताती हैं कि यह भागेदारी कैसे काम करती है, "महासागरों और समुद्रों के बगल में शहर और क़स्बे मौजूद हैं, जिससे समुद्र व परिदृश्य आते हैं. ऐसे में, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये सहनसक्षमता बनाने हेतु, उनकी पुनर्बहाली बेहद आवश्यक है." 

यूएनडीपी भूमध्य रेखा पुरस्कार विजेता

कुरुवितु संरक्षण एक सह-प्रबन्धन योजना विकसित करने के लिये, स्थानीय समुद्र तट प्रबन्धन इकाई (local Beach Management Unit), केनयाई राज्य मत्स्य पालन विभाग और वन्यजीव संरक्षण सोसायटी (WCS) के साथ काम कर रहा है जो केनया के तट से दूर समुद्र के 800 हैक्टेयर क्षेत्र को कवर करेगा.

इस क्षेत्र में लगभग 30 हज़ार लोगों की आबादी वाला 12 किलोमीटर समुद्र तट है, जिसमें छह लैण्डिंग साइट और तीन गाँव शामिल हैं.

2017 में, कुरुवितु संरक्षण के काम के कारण इसे संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम,  UNDP के भीतर भूमध्य रेखा पहल द्वारा आयोजित भूमध्य रेखा पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

जैव विविधता के संरक्षण और टिकाऊ उपयोग के ज़रिये ग़रीबी उन्मूलन के लिये उत्कृष्ट सामुदायिक प्रयासों को मान्यता देने के लिये यह पुरस्कार हर दो साल में दिया जाता है.

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